क्या पृथ्वी से गायब होते हैं लोग? 2

धरती से लोगों जे गायब होने की जितनी भी घटनाएं प्रकाश में आयीं हैं। वे सभी एलियंस के द्वारा की गयीं हैं।
एलियंस
प्रिय दोस्तों हमें बेहद ख़ुशी है की आप सब ने इसकी पिछली कड़ी को खूब सराहा इसके लिए आप सब का धन्यवाद, हमने अपनी पिछली कड़ी में पढा आर्कटिक की बंजर भूमि से एस्किमो लोगों की पूरी की पूरी आबादी गायब हो जाती है। इसके अलावा एक गांव की सारी कब्रों से मुर्दे ही गायब हो जाते हैं, सन् 1850 में फ्रांसीसी सैनिकों की टुकड़ी तथा 1948 में 3000 चीनी सैनिकों की एक टुकड़ी देखते ही देखते कहीं गायब हो जाती है जिसका आज तक पता नहीं चला। आज हम जानेंगे कि वह युवा सांसद कौन था जो लंदन के एक होटल से अचानक गायब हो गए और फिर कभी नहीं मिले।

अब आगे.................






ब्रेनन के अनुसार:-


ब्रेनन की तो मान्यता यह है कि धरती से परे कोई ऐसा अदृश्य लोक है, जहां के प्राणी कभी धरती पर आकर ऐसा उत्पात मचाते हैं, यानी धरती के प्राणियों का अपहरण कर लेते हैं और हमें विस्मित कर जाते हैं। ब्रेनन का कहना है कि ऐसी घटनाएं सैकड़ों की संख्या में हुई हैं, पर प्रकाश में कम इस नाते आ पायी हैं कि अधिकांश सरकारें गुप्त कारणों से इस पर पर्दा ही पड़ा रहने देना ही बेहतर समझती है।

यदि सचमुच ऐसा है कि किसी अज्ञात लोक के प्राणी धरती के प्राणियों का अपहरण कर लेते हैं तो सहज ही हमारे मन में प्रश्न उठता है कि क्या कभी ऐसा कोई अपहृत प्राणी भू लोक में वापस भी आया है।

इसका उत्तर ब्रैनन महाशय 'हां' मैं देते हैं । ऐसे केवल एक धरतीवासी का ही उद्धार हमारे सामने आया है । वह है सन् 1828 की एक शाम को जर्मनी के न्यूरेमबर्ग शहर की एक सड़क पर बदहवास हलात में भटकता पाया गया कैस्पर हॉसर नामक युवक। उस युवक के बारे में उस मृत्यु तक किसी को नहीं पता चला चल सका की आखिर वह कौन था और कहां का रहने वाला था ?

कैस्पर हॉसर का उदाहरण देते हुए ब्रेनन लिखते हैं:-


" जिस समय जर्मनी की सड़कों पर वह युवक बदहवासी की हालत में देखा गया था, उसके पैर सूजे हुए थे। प्रकाश के कारण उसकी आंखें चौधिया रहीं थीं। उसे अपने नाम तक का पता नहीं था और ना उसे यही पता था कि वह न्यूरेमबर्ग में कहां से और कैसे पहुंचा। इसका कारण यह था कि उसे किसी अज्ञात भाषा के सिर्फ 10 शब्द मालूम थे, जिसे वह रट्टू तोते की तरह दोहराता जाता था। भोजन दिए जाने पर उसे उसने जरूर से कहीं अधिक खाया, पर उसे दूध और जल की कोई पहचान नहीं थी और तो और आग को उसने ऐसी निगाहो से देखा जैसी उसे वह पहली बार देख रहा हो बार देख रहा हो।"

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14 दिसंबर 1833 को जब वह एक पार्क में घूम रहा था तो किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसकी हत्या कर दी उसकी रहस्यमय मृत्यु पर ब्रेनन महाशय टिप्पणी करते हैं:-


"हो न हो, उसका कातिल अज्ञात लोक का ही कोई वासी रहा होगा।" सच जो भी हो धरती के किसी भू-भाग से प्राणियों के रहस्यमय ढंग से गायब हो जाने की घटना की व्याख्या विज्ञान नहीं कर सका है।

ऐसी बात नहीं है कि लोग समूह में ही गायब हुए हो, इतिहास के पन्ने पलटे तो ऐसे कई मामले रोशनी में आ भरते हैं, जिनमें कई बार रह चलते-चलते या फिर कहीं भी बैठे या खड़े ही अकेले लापता हो जाने की बातें देखने सुनने में आई हैं।

पोलैंड के कैथोलिक पादरी केनरी बोर्निसकी:-


पश्चिमी यॉर्कशायर स्थित ब्रैडफोर्ड में पोलैंड के कैथोलिक पादरी केनरी बोर्निसकी का मामला ऐसा ही है ।13 जुलाई, 1953 बात है। अपने घर में ही वह बैठे थे। शाम के वक्त टेलीफोन की घंटी बजी। उसे उन्होंने उठाया और पोलिश भाषा में उत्तर देते हुए उन्होंने कहा "कि ठीक है, मैं आता हूं और इतना कहकर वह घर से अपने रास्ते की ओर चल पड़े। यही कोई 200 गज चलने के बाद एक मोड़ की ओर मुड़े और उनकी बदकिस्मती तो देखिए कि यही मोड़ उनके जीवन का अंतिम मोड़ था। उसी मोड पर वह आखिरी बार देखे गए और फिर अचानक वह वहां से ऐसे लुप्त हो गए, मानो उन्हें हवा ने लील लिया हो ।

युवा सोशलिस्ट सांसद विक्टर ग्रेसन की गुमशुदगी की घटना:-


कुछ कुछ ऐसा ही मामला कोलन वैली के तेज तर्रार युवा सोशलिस्ट सांसद विक्टर ग्रेसन का भी है। सन 1920 की बात है। उस समय वे लंदन के एक होटल में ठहरे हुए थे। बार में बैठे हुए वह रिलैक्स कर रहे थे। जब अंतिम पैग समाप्त कर चुके तो वह बार से बाहर निकलकर सामने की सड़क पर किनारे-किनारे चलने लगे। चहल कदमी करते हुए वह बमुश्किल थोड़ी दूर ही गए होंगे कि देखने वालों ने देखा कि वह अचानक गुम हो गए। लाख ढूंढने पर भी कहीं भी उनका कोई अता पता नहीं चल सका ।

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अमेरिका के टेनेसी स्थित गेलैटिन के निवासी डेविड  लांग की गुमशुदगी की घटना:-


इसी तरह संयुक्त राज्य अमेरिका के टेनेसी स्थित गेलैटिन के निवासी डेविड  लांग की गुमशुदगी की घटना भी कोई कम आश्चर्यजनक नहीं। डेविड लांग एक प्रतिष्ठित किसान थे। खलीहान स्थित अपने निवास स्थान पर वह अपने दोनों बच्चों डेविड और सारा के साथ कुछ बातचीत कर रहे थे। एकाएक उस तेज दुपहरी में उन्हें कोई काम याद आ गया और वह अपने खलिहान से रास्ते की ओर चल पड़े वह बमुश्किल अपने घर के सामने 100 गज तक चलने के बाद में अचानक लापता हो गए। 23 सितंबर, 1808 की उस मनहूस दुपहरी की हवा ने उन्हें देखते ही देखते लील लिया। उनके अदभुत और रहस्यमय ढंग से गायब हो जाने के तीन तीन चश्मदीद गवाह भी मौजूद थे।

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दोस्तों हमें आशा है की आप को यह पोस्ट भी काफ़ी पसंद आई होगी।इसके आगे की पोस्ट में जानेगे की, डेविड लोंग अपने खलिहान से गायब होने के समय उन्हें किस-किस ने देखा और वह किस तरह से गायब हुए और वह शक्स कौन था जिसने गायब होते व्यक्ति को अपनी आंखों से देखा था या सब जानेंगे हम अपनी अगली और अंतिम कड़ी में ? जानने के लिए हमारे साथ बने रहिए और हमारी पोस्ट को Facebook,Twitter,Linkedin,Pinterest आदि सोशल नेटवर्किंग साइट पर जरुर शेयर करें और कमेंट में हमें अपने विचार जरुर दें कि आपको यह पोस्ट कैसी लगी।मिलते हैं इसकी रोमांचक और रहस्यमय अगली कड़ी में।
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